पीपल की पूजा किस दिन नहीं करनी चाहिए? पीपल की पूजा करना किस दिन वारण है?
हिन्दू संस्कृति में, पीपल को सभी वृक्षों में सर्वोत्तम माना जाता है और इसे पूजा जाता है। शास्त्रों के अनुसार पूजा के नियमों का पालन और कौन से दिन पूजा करना या नहीं करना इस महत्व के बारे में ज्ञात करना भी महत्वपूर्ण है, जिसे विस्तार से आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
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पीपल की पूजा किस दिन नहीं करनी चाहिए? पीपल की पूजा करना किस दिन शुभ नहीं माना जाता?
पीपल की पूजा करने के लिए सही दिन का ध्यान अवश्य रखनी पड़ती है, विशेषता से रविवार के दिन को पीपल की पूजा करने के लिए सही या शुभ दिन नहीं माना जाता है।
पीपल की किस दिन न करें पूजा ?
शास्त्रों के अनुसार, पीपल की वृक्ष लगाना, पूजा करना, पत्ते तोडना, पीपल के पेड़ को काटना इस सभी कार्य के लिए नियमों का पालन करना अनिवार्य है। रविवार के दिन पीपल की पूजा करना अथवा पीपल के पेड़ को स्पर्श करना भी वारण किया गया है।
रविवार को पीपल की पूजा क्यों नहीं करनी चाहिए?
पुराणों के अनुसार, रविवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से दरिद्रता आती है। परिवार में अशांति बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
रविवार के दिन पीपल की पूजा न करने की नियम के पीछे एक पौराणिक कथा है, कहते हैं इस दिन पीपल पर माता लक्ष्मी की बहन दरिद्रा का वास होता है। माता लक्ष्मी की कहने पर श्री विष्णु जी ने दरिद्रा को रविवार के दिन पीपल पर स्थान दिया था, क्यों की दरिद्रा ने कहा था जिस जगह पूजा पाठ नहीं होता हो उसी जगह पर वो वास करेगी। धरती पर ऐसी कोई स्थान नहीं था जहाँ पूजा पाठ नहीं की जाती हो, इसलिए विष्णु जी ने उन्हीं के प्रिय स्थल को रविवार के दिन दरिद्रा को समर्पित कर दिया।
मुझे उम्मीद है, पीपल की पूजा कौन से दिन करना सही नहीं है, आप जान गए होंगे। ब्लॉग को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।
पेड़ पौधें ढेरों, हैं पृथ्वी की जान
बन गए हैं मेरे जीवन की पहचान