दो पत्ती वाले बेलपत्र का महत्व क्या है? दो पत्ती वाले बेलपत्र शिवजी को चढ़ाने के पीछे महत्व क्या है?
सनातन धर्म में शिव जी को उनके प्रिय बेलपत्र चढ़ाना सबसे पवित्र और पुण्य माना जाता है। क्या दो पत्ति वाले बेलपत्र शिवजी को चढ़ाया जाता है, जान लें।
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दो पत्ती वाले बेलपत्र का महत्व क्या है? क्या दो पत्ती वाले बेलपत्र शिव जी को चढ़ाना चाहिए?
बेलपत्र अनेक प्रकार के होते हैं और दो पत्ती वाले दुर्लभ बेलपत्र को शिव जी के चरणों में अर्पण करना सौभाग्य की बात होती है। दो पत्ती वाले बेलपत्र शिव और शक्ति का प्रतीक है। इसलिए शिव जी को उनके प्रिय दो पत्ती वाले बेलपत्र अर्पण करने से वे जल्द ही मनोकामना पूरी करते हैं।
दो पत्ती वाले बेलपत्र का विशेष महत्व!
बेलपत्र के वृक्ष चाहे घर के प्रांगण में हो या मंदिर में, उनसे वातावरण सुख समृद्धि से परिपूर्ण होता है।
शिव पुराण के अनुसार, बिल्व वृक्ष में स्वयं भगवान शिव जी का वास होता है। कहा जाता है दो पत्ती वाले बेलपत्र भगवान शिव और माता पार्वती का प्रतीक है |
1 से लेकर 21 दल वाले बेलपत्र भी शिवजी को समर्पण किया जाता है। जिन्हें दो पत्ती वाला बेलपत्र मिल जाता है वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होते हैं | दो पत्ती वाले बेलपत्र शिव जी पर जरूर चढ़ानी चाहिए।
दो पत्ती वाले बेलपत्र शिवजी पर चढ़ाने का महत्व!
बेलपत्र बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है। शिव जी को बेलपत्र भक्ति भाव से चढाने से सारे पाप धुल जाते हैं। जीवन में और व्यवसाय में सफलता अवश्य प्राप्त होती है।
सोमवार को अगर शिवलिंग पर दो पत्ती वाले बेलपत्र के साथ जल चढ़ाया जाए तो शिव जी संतुष्ट होते हैं और सारी मनोकामनाएं अवस्य पूरी होती है।
मुझे उम्मीद है इस लेख से दो पत्ती वाले बेलपत्र का महत्व क्या है यह आप जान गए होंगे । धन्यवाद।
पेड़ पौधें ढेरों, हैं पृथ्वी की जान
बन गए हैं मेरे जीवन की पहचान