पीपल पर जल चढ़ाते हुए मंत्र क्या है? पीपल पर जल चढ़ाते वक़्त कौन सा मंत्र बोलते हैं?
शास्त्रों के अनुसार पीपल की पूजा और परिक्रमा करते समय मंत्र का उच्चारण करना चाहिए और यह शुभ माना जाता है। पीपल पर जल चढ़ाते समय कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए, जान लीजिए।
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पीपल पर जल चढ़ाते हुए मन्त्र क्या है ? पीपल पर जल चढ़ाते समय कौन से मंत्र का उच्चारण करते हैं ?
पवित्र वृक्ष पीपल की पूजा विधि पूर्वक पालन करना चाहिए। पीपल पर जल चढ़ाते समय एक विशेष मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए, ऐसा करने से मन शांत रहता है और परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है।
पीपल पर जल चढ़ाते समय इस विशेष मन्त्र का उच्चारण करें!
शास्त्रों के अनुसार पीपल की पूजा में दिया जलना, पानी चढ़ाना और पीपल की परिक्रमा करना चाहिए। पीपल पर जल चढ़ाते समय इस मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए –
मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे। अग्रत: शिवरूपाय वृक्षराजाय ते नम:।।
आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्। देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।।
इसका मंत्र का अर्थ है कि , पीपल के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु तथा अग्रभाग में शिव का वास होता है। यह वृक्ष आयु, प्रजा, धन, धान्यता, सौभाग्य और सम्पूर्ण सम्पत्तियाँ प्रदान करता है, इसी कारण ‘अश्वत्थ’ नामधारी वृक्ष को नमन किया जाता है और उसके शरण में जाते हैं।
पीपल पर जल चढ़ाते समय इन बातों को ध्यान में रखें!
सूर्योदय बाद पीपल पर जल चढ़ाते समय उस जल में गंगा जल, गाय का दूध, तिल और चन्दन मिला कर मन्त्र के साथ चढ़ाना चाहिए। मंत्र का उच्चारण करने से मन शांत और पवित्र रहता है और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।
मुझे उम्मीद है कि आप पीपल की पूजा करते समय और जल समर्पण करते समय इस विशेष मंत्र का उच्चारण जरूर करेंगे। अगर आपके पास कोई सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में साझा करें। धन्यवाद।
पेड़ पौधें ढेरों, हैं पृथ्वी की जान
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